ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी की 9वीं पुण्यतिथि पर नेत्र एवं दंत परीक्षण शिविर लगाया
स्वस्थ रहने के लिए तन के साथ मन का इलाज भी जरूरी
इंदौर, 24 नवंबर। जिंदगी में उतार-चढ़ाव बहुत आते हैं, आने भी चाहिए क्योंकि ई.सी.जी. में भी उतार-चढ़ाव आने से हम जीवित हैं वरना सीधी लाइन होने से मृत हो जाए। इस उतार-चढ़ाव का सामना हम सकारात्मक रूप से करें यह शक्ति राजयोग मेडिटेशन से आती है। हम डॉक्टर तन की बीमारी का इलाज करते हैं लेकिन ब्रह्माकुमारी बहनें मन की बीमारी का इलाज करती है। स्वस्थ रहने के लिए तन और मन दोनों का इलाज जरूरी है।
उक्त विचार ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में इंदौर जोन के संस्थापक एवं क्षेत्रीय निदेशक रहे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी की 9वीं पुण्यतिथि पर आयोजित नेत्र एवं दंत परीक्षण शिविर के शुभारंभ अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र पाटीदार ने विशेष अतिथि के रूप में व्यक्त किये।
इस अवसर पर इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी का स्मरण करते हुए कहा कि भाईजी के अंदर अपार गुण और शक्तियां थी, जिसका प्रयोग स्वयं परमात्मा ने अपने कार्य के लिए किया और उसी के फल स्वरुप सेवाओं का इतना विस्तार हुआ। भाईजी इतने बड़े इंदौर जोन के 550 सेवाकेंद्रों के आधारमूर्त, बीज स्वरूप बन कर रहे। उनकी पुण्यतिथि में प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। नेत्र है तो जहान है, दांत स्वस्थ हैं तभी हम सब प्रकार के खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं।
इंडियन डेंटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. मनीष वर्मा ने कहा कि आजकल जंक फूड के कारण बहुत जल्दी दांत खराब हो जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चों में कई ऐसी आदतें होती हैं जैसे मुंह में कुछ भी उनका डाल लेना, पेंसिल चबाना, आदि, आदि। इससे बच्चों के दांत भी खराब हो जाते हैं इसलिए माता-पिता को बच्चों की आदतों पर ध्यान रखना चाहिए। आपने दांतों में सामान्य रूप से होने वाली बीमारियों के लक्षण बताते हुए समय-समय पर जांच कराते रहने की राय दी।
शांति आई टेक के संचालक सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सोलंकी ने कहा कि ओमप्रकाश भाईजी के साथ मेरा गहरा संबंध रहा है। उनके अंतिम क्षणों तक मैं उनके साथ रहा हूं। उनकी पुण्यतिथि पर इससे अच्छी श्रद्धांजलि क्या हो सकती है। हम नेत्र सर्जन दो नेत्रों का इलाज करते हैं लेकिन ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने राजयोग के द्वारा लाखों आत्माओं को तीसरा नेत्र दिया अर्थात नवजीवन प्रदान किया। आपने कहा कि आँख शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है, इसमें कोई तकलीफ हो तो शुरुआती दौर में सहज इलाज हो सकता है। आपने राजयोग मेडिटेशन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि इससे मुझे मरीजों का इलाज करने में बहुत मदद मिली है।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के प्रति दंत चिकित्सक डॉ. रश्मि सोलंकी ने अपनी शुभकामना दी। संचालन डॉ. शिल्पा देसाई ने किया एवं ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी उषा बहन ने सभी का आभार माना।
उक्त शिविर शांति आई टेक के डॉ. अमित सोलंकी तथा दंत चिकित्सक डॉ. रश्मि सोलंकी द्वारा लगाया गया, जिसका 200 से अधिक लोगों ने लाभ उठाया तथा निशुल्क जांच कराई।
ईश्वरीय सेवा में
ब्रह्माकुमारी अनीता
ज्ञानशिखर, ओमशांति भवन
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